Satta Ke Galiyaron Se (Hindi Edition)
Sanjaya Baru
"प्रत्येक युग में राष्ट्र का सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कुलीन अपनी शक्ति एवं प्रतिष्ठा को संरक्षित करते हुए अपने इस महान् विचार के प्रतिपादन द्वारा कि वह उसका प्रभुत्व सुनिश्चित करने तथा उसे कार्यान्वित करने में सक्षम है, परिवर्तन को नियंत्रित करने का प्रयास करता है। ब्रिटिश साम्राज्य का संचालन उसी सिद्धांत के आधार पर किया गया था।अपने विचारों को प्रधानता के बल पर अजनबियों की एक छोटी सी संख्या ने इतने बड़े साम्राज्य का संचालन किया, जिसे बहुसंख्यकों ने स्वीकार किया। स्वाधीनता- प्राप्ति के पश्चात् गणतंत्र के निर्माताओं ने एक संविधान लिखा, जिसने राष्ट्र को सत्ता के कुलीनों को आर्थिक विशेषाधिकार के पदों पर बने रहने हेतु समर्थ बनाया, जबकि संविधान में सभी को समान स्तर प्रदान किया गया था।लोकतंत्र, समानता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता के विचार नए थे और समय के साथ उनका तालमेल भी था; परंतु उनका कार्यान्वयन इस प्रकार से हुआ, मानो वह सत्ता एवं विशेषाधिकारों के मौजूदा संबंधों को संरक्षित करनेवाला हो।--इसी पुस्तक से भारतवर्ष में सत्ता, उसके प्रभाव, उसके सरोकार, उसके दुरुपयोग और समाज पर उसके प्रभावों का एक व्यावहारिक चिंतन प्रस्तुत करती है यह विचारप्रधान पुस्तक."
出版社:
Prabhat Prakashan
语言:
hindi
ISBN:
B09XFDWPVV
文件:
EPUB, 1.07 MB
IPFS:
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hindi0